कैसे करें अपने काम पूरे

यदि हम जो करना चाहते हैं , वह सब नहीं कर पा रहे हैं तो ZEN HABITS (Leo Babauta) से ली गई यह पोस्ट अपने इरादों को पूरा करने में हमारी मदद कर सकती है : Not Doing All the Things We Want to Do 

मैं सोचता हूँ हम सब इस स्थिति में हैं :- किसी जिम पर जाना चाहते हैं , कोई class join कर चुके हैं , या एक ई-बुक खरीद कर रखे हुए हैं ...लेकिन उनका use नहीं कर पा रहे हैं ।
हम कुछ काम करना चाहते थे , ड्राइंग सीखना चाहते थे या एक वाद्ययंत्र बजाना सीखना चाहते थे ...पर ऐसा करने में असफल रहे ।
किस प्रोजेक्ट के लिए ( हो सकता है एक Blog शुरू करने या एक किताब लिखने के लिए ) हमारे पास अच्छे विचार थे । हमारे इरादे अपना दिन और व्यस्त बनाकर ; कुछ कर दिखाने के लिए बढ़िया थे ।
लेकिन तभी हमारी योजनाएँ ढप्प पड़ गईं और हम अपनी उम्मीदों को जी न सके ।
 
» यह क्यों हुआ ? हमने कहाँ गलती की ?
मेरे अनुभव में , इसमें कुछ मुख्य बाधाएँ थीं :-
> हम अतिआशावादी होते हैं -
हमें लगता है कि हम उससे 2-3 गुना ज्यादा कर सकते हैं जितना कि हम सचमुच करते हैं । एक दिन में हमारे पास एक सीमित  क्षमता , उर्जा एवं समय होता है लेकिन हम उन सब का अनुमान करने में उतने अच्छे नहीं हैं  इसलिए हम यह सोचते हैं कि जो चीजें हम करना चाहते हैं , वो उससे कम समय लेने वाली हैं,  जितना कि वास्तव में लेती हैं । अधिक आशावादी होना हमेशा हराता है ।
अतः ये सोचकर कि हम एकसाथ सबकुछ कर लेंगे ज़्यादा भार अपने ऊपर डाल लेना ठीक नहीं है । 
 
> हम छोटी-छोटी चीजों को नहीं गिनते :
यह बात ज्यादा आशावादी होने के कारण ही होती है , क्योंकि जब हम अपने plans के बारे में सोच रहे होते हैं तब बाकि सब छोटी चीजों के बारे में नहीं सोचते जैसे- maintenance के काम , जो कि हमारे plans को पूरा करने के लिए एक क्रम में किए जाने जरूरी हैं … या सिर्फ जीने के लिए_ नहाने , ब्रश करने , तैयार होने , खाना बनाने या खाने , साफ-सफाई करने ,  कपड़े धुलने या प्रेस करने , गाड़ी चलाने , पेट्रोल भराने , कई सारे लोगों और ईमेल्स का जवाब देने , फोन काॅल्स लेने , वाॅशरूम जाने और इस तरह न जाने कितने छोटे-छोटे कामों के लिए भी हम नहीं सोचते , इन्हें गिनते ही नहीं । इन सब को calculate कर पाने में हम सहज नहीं है ।
अतः हम प्रतिरोध अथवा बाधाओं का सामना करने में असफल हो जाते हैं । 

जब हमारे पास choice होती है उस चीज़ पर focus करने की , जिसपर हमने सोचा था या कुछ दूसरा busywork करने की या फिर अपने किसी एक comfortable distractions की ओर जाने की … तब हममें resistance यानि प्रतिरोध आ जाता है और अपनी आदतानुसार , हमारी सहज प्रतिक्रिया होती है उस प्रतिरोध से भाग जाना ।
कभी-कभी हमारे पास इसे जीतने के लिए motivation होता है , लेकिन ज्यादातर हम चीजों को टाल देते हैं , क्योंकि प्रतिरोध को जीतना आसान नहीं है , इसके लिए हमें अपना आराम क्षेत्र त्यागना जो पड़ता है । 

> हमारे पास उचित माहौल नहीं होता :  
हम प्रतिरोध को जीतने में सफल होते हैं या नहीं इसका एक बड़ा कारण है कि हमारे पास एक ऐसा माहौल है या नहीं जो कि हमें उस काम में लगाए रखे या हमें जिम्मेदार बनाए रहे ।
For example , यदि हम एक टीम का हिस्सा हैं और वे हमारे ऊपर जिम्मेदारी डाले हुए हैं कि किसी project को हमें दिनभर में पूरा करना है ... तो हम प्रतिरोध को जीतने के लिए और ज्यादा motivated हो जाएँगे क्योंकि हम उन्हें निराश नहीं करना चाहेंगे ।
लेकिन मान लीजिए , यदि कोई नहीं जानता कि हम दिनभर चीजों को टालते हैं ... और बहुत से छोटे-मोटे distractions भी हैं जो हमें भटका रहे हैं … तो हम बहुत कम ही चीजों को पूरा कर पाएँगे और यदि फैमिली के लोग हमारे किसी class लेने या कोई instrument सीखने के खिलाफ हैं , तो फिर हम उसे कम ही करने वाले हैं । Accountability, supportive people व distractions की उपस्थति- ये हमारे आसपास के माहौल के कुछ तत्त्व हैं ।

ये चीजें सभी के साथ होती हैं और सबकी यही problems भी हैं ।
अब हम क्या कर सकते हैं ? इसके लिए यहाँ कुछ key habits दी गई हैं जिन्हें हम इन problems की मदद से निकाल सकते हैं _
    « अपने काम पूरे करने के उपाय/Solutions to Key Obstacles »
यदि आप वास्तव में उस class या gym का उपयोग करना चाहते हैं जिन्हें अपने ज्वाइन किया है , यदि आप अपना खुद का project पूरा करना चाहते हैं या उस ई-बुक को जिसे आपने खरीदा है पढ़ना चाहते हैं   … तो यहाँ कुछ suggestions दिए गए हैं इन्हें मैंने वह करने के लिए काफी powerful पाया है , जो मैं सचमुच मैं करना चाहता था :
> देखिए , आपके पास अपने काम पूरे करने के लिए एक दिन में productive time सिर्फ 3-4 घंटे का हो सकता है तो इतने में ही आप important work कर लीजिए , books पढ़िए , चीजें सीखिए और बचा हुआ समय सोने , खाने आदि में बिताइए । सबसे आवश्यक काम करने के पश्चात जो समय और कुछ करने के लिए निकालेंगे वही आपका productive time कहलाएगा । अब जो काम आप इस समय कर सकते थे उन्हें मत कीजिए । Exercise , writing , reading , learning , और कुछ important tasks में से आधे काट दीजिए । जो चीजें आप करना चाहते हैं वो जितना आपने सोचा है उससे दुगुना समय लेने वाली हैं इसलिए यदि आपके पास कुछ समय बच गया तो वो होगा , bonus ! उसका उपयोग distractions में नहीं बल्कि उन tasks में कीजिए , जो आपने पहले काट दिए थे ।
यदि आप ज्यादा productive time चाहते हैं तो कुछ और distractions काट दें - TV , online reading आदि इससे निश्चित तौर पर आप एकाध घंटे उस दिन में अधिक बचा लेंगे ।

> प्रत्येक प्रोजेक्ट जो आप पूरा करना चाहते हैं , उसके लिए एक अच्छा environment तैयार करें - यदि आप guitar सीखना चाहते हैं तो कुछ accountability लीजिए और उनसे जो supportive हों इसमें मदद लीजिए ।
deadlines सेट करें और ऐसे लोग ढूढ़िए जो आपके प्रोजेक्ट पूरा होने पर जिम्मेदारी लें । इसके लिए आप एक  ऐसी जगह पर जा सकते हैं , जहाँ आपको कम से कम 30 मिनट तक कोई distractions न मिले ।
 
> जब आप अपनी चाही गई चीजों पर focus करने के लिए तैयार होते हैं ... तो आने वाले उस प्रतिरोध का सामना करें बजाय उससे भागने के । याद रखिए कि जो बात-जो वजह उस चीज को पूरा कराना चाहती है , वह किसी भी बाधा से ज्यादा बड़ी है । आपकी इच्छाएँ , आपकी उम्मीदें इस आराम-क्षेत्र से कहीं ज्यादा मूल्यवान हैं ।
मैं आशा करता हूँ कि आप भी इसे उपयोगी पाएँगे । मैंने इसे चीजों को सीखने में , projects पूरा करने में , कई exercise programs पूरे करने में और कई काम करने में उपयोगी पाया है । मैं perfect नहीं हूँ  और इन बातों को अक्सर भूल जाया करता हूँ , लेकिन जब भी इन्हें याद करता हूँ तो जिंदगी के सपनों और उम्मीदों पर ज्यादा खरा उतरता हूँ   
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