Success Story of Intex founder Narendra Bansal

दोस्तों ! India की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल फ़ोन बेचने वाली कंपनी ‘Intex Technologies’ के स्मार्टफोन और मोबाइल फ़ोन्स से आज हर कोई अच्छी तरह से परिचित है लेकिन क्या आप जानते हैं इंटेक्स ब्रांड की IT Accesories और washing machine, LED टीवी, UPS, वेबकैम, फ्रिज जैसे कंस्यूमर गुड्स का मेन्युफेक्चर करने वाली कंपनी ‘इंटेक्स टेक्नोलॉजीस’ (Intex Technologies) पहले ‘इंटरनेशनल इम्पेक्स’ (International Impex) के नाम से शुरू हुई थी |

Intex founder Narendra Bansal

Intex Technologies के फाउंडर ‘नरेन्द्र बंसल’ हैं | जो कभी दिल्ली के बिड़ला मंदिर में फोटो खींचकर उसे चाभी के छल्ले में चिपकाकर बेचते थे | (कुछ नया करने के जूनून में, ज्यादा स्कोप न होने के कारण फिर उन्होंने यह काम छोड़ दिया था)
लेकिन अपनी सूझ-बूझ और मेहनत से सिर्फ 20,000 रूपए से शुरू करके उन्होंने इस कंपनी को 6,200 करोड़ रुपये के मुकाम तक पहुँचाया | आज उनकी कुल संपत्ति (Net worth) 8,000 करोड रुपये की है (2015-2016) |
2015 में नरेन्द्र बंसल के बेटे और Intex Technologies के डायरेक्टर ‘केशव बंसल’ ने IPL टीम ‘Gujrat Lions’ को खरीदकर एक और अचीवमेंट कंपनी के नाम कर दी |
तो आईये हम जानते हैं ; इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ‘इंटेक्स टेक्नोलॉजी’ के फाउंडर ‘नरेन्द्र बंसल’ के बारे में शुरू से ---
नरेन्द्र बंसल का जन्म 1963 में, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के भद्रा (Bhadra) नाम के गांव में हुआ था | उनके पिता ‘भंवरलाल बंसल’ एक बिज़नेसमैन थे और माँ एक होममेकर थीं, उनके दो बहनें और दो भाई भी हैं.
नरेन्द्र बंसल की शुरुआती पढाई उनके गाँव के ही एक स्कूल में ही हुई और कुछ सालों बाद उनका परिवार नेपाल चला गया जहाँ उन्होंने विश्वनिकेतन हाई स्कूल से अपनी दसवीं तक की पढ़ाई की |
1980 में, उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया और वहां उनके पिता एक अनाज-डीलर का काम करने लगे | हायर सेकेंडरी की पढ़ाई नरेन्द्र बंसल ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल से पूरी की |
वे शुरू से ही एक Entrpreneur बनना चाहते थे लेकिन अपने पिताजी के काम को ज्वाइन न करके अपनी पहचान खुद बनाना चाहते थे |
1980 के दशक में जब वे कॉलेज में थे, तब ऑडियो-वीडियो कैसेट्स की काफी डिमांड थी । उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया और होलसेल मार्केट से ऑडियो कैसेट्स खरीदकर उन्हें पालिका बाजार, साउथ एक्सटेंशन और चांदनी चौक जैसे लोकल रीटेल मार्केट में बेचने लगे |
उन्हें विश्वास था कि यह काम उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स की डिग्री हासिल करने से ज्यादा पैसा देगा । इसमें उनका कोई इनवेस्टमेंट नहीं था, क्योंकि वे रीटेलर्स के ऑर्डर्स पूरा कर रहे थे | इस काम से उन्हें अच्छा-खासा प्रॉफिट भी मिल रहा था और वे हर महीने 2,000 -3,000 रुपए कमाने लगे |

दो साल बाद उन्होंने बड़ी चीजों पर ध्यान लगाना शुरू किया । वे अच्छी तरह से जानते थे कि इंडियन मार्केट में ज्यादातर चीजें चीन और कोरिया जैसे विदेशी मार्केट्स से आती थीं इसलिए उन्होंने हांगकांग के होलसेल मार्केट को समझने का डिसिशन लिया ।
कुछ पैसे बचाकर वे वहां आने-जाने का खर्च मैनेज कर सके । सन 1982 में वे हांगकांग गए और किसी रिश्तेदार के यहां रहने लगे । वहां उन्होंने लोकल मार्केट का जायजा लिया और लोकल हार्डवेयर डीलरों से दोस्ती की ।
तब कंप्यूटर इंडिया में आने शुरू ही हुए थे । इस मौके को पहचानकर उन्होंने  अपने कॉन्टैक्ट्स का फायदा उठाया और वहां से स्मॉल कंप्यूटर एक्सेसरीज इंपोर्ट करने लगे ।

1986 में ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें बिजनेस से 8,000-9,000 रुपए महीने की कमाई होने लगी, जो उस समय बहुत कहलाती थी ।
सितंबर 1994 में, उन्होंने अपनी कंपनी “इंटरनेशनल इंपेक्स” मात्र 20 हज़ार रूपए के इन्वेस्टमेंट से दिल्ली में शुरू की । यह कंपनी फ्लॉपी डिस्क, ईथरनेट कार्ड्स और दूसरी एक्सेसरीज इंपोर्ट करती थी ।

अगले तीन साल तक यह काम करने के दौरान उन्होंने कोरिया और ताइवान जैसे मार्केट्स में भी कॉन्टैक्ट्स बना लिए ।
इसी समय उन्होंने कंप्यूटर्स असेंबल करना और कस्टमर्स को बढि़या आफ्टर सेल्स सर्विस ऑफर करना भी शुरू किया |
इसके बाद 1996 में बंसल ने, “इंटेक्स टेक्नोलॉजीज” की स्थापना की | चीन और कोरिया के मैन्युफैक्चरर्स और होलसेलर्स से सीधे मंगाने के कारण दूसरी कंपनियों के मुकाबले उनके प्रोडक्ट सस्ते थे |
एक साल में ही उनकी कंपनी का टर्नओवर ३० लाख तक जा पहुंचा | बाद में उन्होंने consumer durable products जैसे multimedia speaker, DVD player और home theater को भी अपने बिज़नेस में शामिल कर लिया |
1997 में, Intex Home Theater System से उन्हें बड़ी सफलता मिली और इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कुछ ही सालों में Intex Technologies इंडिया की बड़ी IT Peripheral Company में से एक बन गई |

2005 में कंपनी ने भारत में अपनी खुद की manufacturing unit खोल ली और इसके कई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट इंडिया में ही बनने लगे |
मोबाइल की हाई-डिमांड को चलते, सन 2007 से उनकी कंपनी ने Intex brand के मोबाइल फ़ोन बेचना शुरू किया |
पर्सनल लाइफ कि बात करें तो नरेन्द्र बंसल की शादी अर्पणा बंसल से हुई थी ; उनके एक बेटे – केशव बंसल और एक बेटी इशिता बंसल हैं |
2012 में नरेन्द्र बंसल के बेटे केशव बंसल ने Intex के प्रोडक्ट्स की media branding पर ध्यान देना शुरू किया इसका फायदा ये हुआ कि जल्द ही Intex मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में Micromax के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई |
आज Intex में 11 हजार कर्मचारी काम करते है | भारत में इसकी 27 ब्रान्चेस और 54 सर्विस सेंटर और 5 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं |
IT इंडस्ट्री में उनके कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए उन्हें कई awards और सम्मान दिए गए :
·       2012 का Lifetime Achievement Award उन्हें Cell IT Magazine द्वारा दिया गया और 2013 का Digital Terminal magazine द्वारा |
·       2016 में ही उन्हें Udyog Rattan अवार्ड, Economic Studies (IES) द्वारा, Johnnie Walker Best Entrepreneur of the Year अवार्ड  Exhibit Tech Awards द्वारा और Empresario Most Inspiring Entrepreneur अवार्ड NITIE द्वारा दिया गया |  *** (More)

दोस्तों ! नरेन्द्र बंसल कि यह story हमें सिखाती है कि जो काम करो उसके मार्केट को अच्छी तरह समझो और मौका पहचानो ; नरेन्द्र बंसल ने सही समय पर मार्केट का रुख पहचाना और लोगों को सस्ते और अच्छे प्रोडक्ट अवेलेबल कराये जिससे आज वो इस मुकाम पर पहुंचे |
कभी SONY, HCL और HP जैसी बड़ी कम्पनियों की तरह अपना भी Brand Name लाने का सपना देखने वाले नरेन्द्र बंसल ने वाकई में साबित कर दिया कि “आत्मविश्वास और बड़ी सोच से सबकुछ हासिल किया जा सकता है“ |


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