एक भी आँसू न कर बेकार जाने कब समंदर मांगने आ जाए! पास प्यासे के कुआँ आता नहीं है, यह कहावत है, अमरवाणी नहीं है, ...
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हमारी हिंदी
(1) मन के धन वे भाव हमारे हैं खरे। जोड़ जोड़ कर जिन्हें पूर्वजों ने भरे ।। उस भाषा में जो हैं इस स्थान की। उस हिंदी में जो हैं हिन्...
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फूल और काँटा/हिंदी कविता
फूल और काँटा / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ - एक दुसरे का हिस्सा होते हुए फूल और कांटे, एक दूसरे से कितने अलग होते हैं , पढ़िए ये beautif...
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पक्षी और बादल - कविता/दिनकर
पक्षी और बादल, ये भगवान के डाकिए हैं जो एक महादेश से दूसरें महादेश को जाते हैं। हम तो समझ नहीं पाते हैं मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ पेड़,...
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हो गई है पीर पर्वत-सी
हो गई है पीर पर्वत-सी / दुष्यंत कुमार - दुखों और पीड़ाओं से जब हमारा मन भर जाता है और सहनशक्ति की हद हो जाती है तब आखिरकार वह पुका...
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ईश्वर की दया
मैंने भगवान से माँगी ' शक्ति ' मुझे मिली कठिनाइयाँ, हिम्मत बढ़ाने के लिए मैंने भगवान से माँगी ' बुद्धि ' मुझे मिली उ...
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भाग्यशाली
" मांगने वालों को केवल उतना मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं " उसने सारा दिन काम किया, और स...
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सुविचार
1. क्या तुम्हें किस्मत ने खराब पत्ते दिए हैं , तो विवेक के बल पर अच्छे खिलाड़ी बनो। 2. हमारी वाणी अनसुनी रह जाती है , हमारे कर्म...
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ईश्वर का उपहार है माँ
जीवन की इस तपन-स्थली में, एक शीतल सा झरना माँ ... कठिनाइयों की वन-व्यापी में, एक सुरक्षित स्थल माँ ... जब आँखों से बहते आँसू, मीठ...
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